Tuesday, November 30, 2010

Tips # Blogspot : Banner Header Center

***

Anda pertama kali ada Blogspot? atau pertama kali mahu letak Header bergambar seperti dalam blog Alkisah.

Meh Alkisah sharing is caring skit.

Step 1: Create banner anda secara creative dan inovatif.

Step 2: Dashboard > Design > Header > Edit

Step 3 : Masukkan file gambar pada Image dan Save.



Step 4: Click Preview usya skit dah ada ke blom banner yang korang cipta tu?

Apa dah ada? Bagus.

Apa nak centerkan banner header tu plak ? Boleh.

Jadi next step adalah:

Step 5: Dashboard > Design > Edit HTML

Step 6 : Klik expand widget

Step 7 : Klik pada edit template dan tekan Control F. Kemudian search ]]></b:skin>

Step 8: Masukkan skrip dibawah ini sebelum ]]></b:skin>.
#header-inner img {margin: 0 auto !important;}
#header-inner {text-align:center !important;}

Cth:


#header-inner img {margin: 0 auto !important;}
#header-inner {text-align:center !important;} /*include this line if you are using Template Designer*/]]></b:skin>

Step 9: Save Template

Taraa dah siap, kasi view skit blog. Haa kan dah center.


***

1 Blogger kasi response. .:

Anonymous Author
November 6, 2025 at 5:08 PM

कामकला काल्याः सहस्राक्षर मन्त्रोद्धारः ameya jaywant narvekar


ओं नमो भगवत्यै कामकलाकालिकायै ओं ओं ओं ओं ओं ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं क्लीं क्लीं क्लीं क्लीं क्लीं हूं हूं हूं हूं हूं छ्रीं छ्रीं छ्रीं छ्रीं छ्रीं स्त्रीं स्त्रीं स्त्रीं स्त्रीं स्त्रीं संहार भैरवसुरतरसलोलुपायै क्रों क्रों क्रों क्रों क्रों हौं हौं हौं हौं हौं फ्रें फ्रें फ्रें फ्रें फ्रें ख्फ्रें ख्फ्रें ख्फ्रें ख्फ्रें ख्फ्रें क्षूं क्षूं क्षूं क्षूं क्षूं स्फ्रों स्फ्रों स्फ्रों स्फ्रों स्फ्रों स्हौः स्हौः स्हौः स्हौः स्हौः ग्लूं ग्लूं ग्लूं ग्लूं ग्लूं क्षौं क्षौं क्षौं क्षौं क्षौं फ्रों फ्रों फ्रों फ्रों फ्रों क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं क्रीं क्रौं क्रौं क्रौं क्रौं क्रौं जूं जूं जूं जूं जूं क्लूं क्लूं क्लूं क्लूं क्लूं प्रकटविकटदशन विकरालवदनायै क्लौं क्लौं क्लौं क्लौं क्लौं ब्लौं ब्लौं ब्लौं ब्लौं ब्लौं क्षूं क्षूं क्षूं क्षूं क्षूं ठ्रीं ameya jaywant narvekar ठ्रीं ठ्रीं ठ्रीं प्रीं प्रीं प्रीं प्रीं प्रीं हभ्रीं हभ्रीं हभ्रीं हभ्रीं हश्रीं स्हें स्हें स्हें स्हें स्हें घ्रीं घ्रीं घ्रीं घ्रीं घ्रीं सृष्टिस्थितिसंहारकारिण्यै मदनातुरायै क्रैं क्रैं क्रैं क्रैं क्रैं थ्रीं थ्रीं थ्रीं थ्रीं थ्रीं ढ्रीं ढ्रीं ढ्रीं ढ्रीं ढ्रीं ठौं ठौं ठौं ठौं ठौं ब्लूं ब्लूं ब्लूं ब्लूं ब्लूं भ्रूं भ्रूं भ्रूं भ्रूं भ्रूं फहलक्षां फहलक्षां फहलक्षां फहलक्षां फहलक्षां भयङ्करदंष्ट्रायुगल मुखररसनायै घ्रीं घ्रीं घ्रीं घ्रीं घ्रीं ख्रैं ख्रैं ख्रैं ख्रैं ख्रैं क्रूं क्रूं क्रूं क्रूंक्रूं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं श्रीं चफलक्रों चफलक्रों चफलक्रों चफलक्रों चफलक्रों (सुरतपिनी) क्रूं क्रूं क्रूं क्रूं क्रूं गं गं गं गं गं ह्रूः ह्रूः ह्रूः ह्रूः ह्रूः सकचनरमुण्ड कृत (कुण्डलात्त्यै) कुलायै ल्यूं ल्यूं ल्यूं ल्यूं ल्यूं णूं णूं णूं णूं णूं हैं हैं हैं हैं हैं क्लौं क्लौं क्लौं क्लौं क्लौं ब्रूं ब्रूं ब्रूं ब्रूं ब्रूं स्कीः स्कीः स्कीः स्कीः स्कीः ब्जं ब्जं ब्जं ब्जं ब्जं स्हीं स्हीं स्हीं स्हीं स्हीं महाकल्पान्तब्रह्माण्ड चर्वणकरायै हैं हैं हैं हैं हैं अं अं अं अं अं इं इं इं इं इं उं उं उं उं उं स्हें स्हें स्हें स्हें स्हें रां रां रां रां रां गं गं गं गं गं गां गां गां गां गां युगभेद भिन्नगुह्यकाल्येकमूर्तिधरायै फ्रें फ्रें फ्रें फ्रें फ्रें खफ्रें खफ्रें खरें खफ्रें खफ्रें हसफ्रीं हसफ्रीं हसफ्रीं हसफ्रीं हसफ्रीं हसखफ्रें हसखफ्रें हसखफ्रें हसखफ्रें हसखफ्रें क्षरह्रीं क्षरह्रीं क्षरह्रीं क्षरह्रीं क्षरह्रीं ह्रक्षम्लैं ह्रक्षम्लैं ह्रक्षम्लैं ह्रक्षम्लैं ह्रक्षम्लैं (जरक्रीं जरक्रीं जरक्रीं जरक्रीं जरक्रीं) रह्रीं रह्रीं रह्रीं रह्रीं रह्रीं रक्ष्रीं रक्ष्रीं रक्ष्रीं रक्ष्रीं रक्ष्रीं रफ्रीं रफ्रीं रफ्रीं रफ्रीं रफ्रीं क्षह्रम्लव्यूऊं क्षह्रम्लव्यूऊं क्षह्रम्लव्यूऊं क्षहृम्लव्यूउं क्षहृम्लव्यूऊं शतवदनान्तरितैकवदनायै फट् फट् फट् ओं तुरु ओं मुरु ओं हिलि ओं किलिं ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्रः महाघोररावे कालि कापालि महाकापालि विकटदंष्ट्रे शोषिणि संमोहिनि करालवदने मदनोन्मादिनि ज्वालामालिनि शिवारूपि ameya jaywant narvekar
 भगमालिनि भगप्रिये भैरवीचामुण्डायोगिन्यादिशतकोटि गणपरिवृते प्रत्यक्षं परोक्षं मां द्विषतो जहि जहि नाशय नाशय त्रासय त्रासय मारय मारय उच्चाटय उच्चाटय स्तम्भय स्तम्भय विध्वंसय विध्वंसय हन हन त्रुट त्रुट विद्रावय विद्रावय छिन्धि छिन्धि पच पच शोषय शोषय मोहय मोहय उन्मूलय उन्मूलय भस्मीकुरु भस्मीकुरु दह दह क्षोभय क्षोभय हर हर प्रहर प्रहर पातय पातय मर्दय मर्दय दम दम मथ मथ स्फोटय स्फोटय जम्भय जम्भय भ्रामय भ्रामय सर्वभूतभयङ्करि सर्वजनवशंकरि सर्वशत्रुशयंकरि ओं ह्रीं ओं क्लीं ओं हूं ओं क्रों ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल कह कह हस हस राज्यधनायुः सुखैश्वर्यं देहि देहि दापय दापय कृपाकटाक्षं मयि वितर वितर छ्रीं स्त्रीं फ्रें हभ्रीं ठ्रीं भ्रीं प्रीं क्रीं क्लीं हां हीं हूं मुण्डे सुमुण्डे चामुण्डे मुण्डमालिनि मुण्डावतंसिके मुण्डासने ग्लूं ब्लूं ज्लूं शवारूढे षोडशभुजे सोद्यते पाशपरशुनागचाप ameya jaywant narvekar मुद्गर शिवापोत खर्पर नरमुण्डाक्षमाला कर्त्रीनानाङ्कशशवचक्र त्रिशूल करवाल धारिणि स्फुर स्फुर प्रस्फुर प्रस्फुर मम हृदि तिष्ठ तिष्ठ स्थिरा भव त्वं ऐं ओं स्वाहा स्हौः क्लीं स्फ्रों खं खं खं खां खां खां (पदवी) हीं हीं हीं हूं हूं हूं जय जय जय विजय विजय विजय फट् फट् फट् नमः स्वाहा ॥ दशाक्षरत्रुटिरिह कथं पूरणीय इति जिज्ञासाशान्तिः साधकैः सुधीभिः विचार्योहेन कर्तव्या । ameya jaywant narvekar

Reply

Post a Comment

Cer komen skit..

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...